जेल से लेकर जुर्माना तक. रोड पर हो जाए कोई एक्सीडेंट, तो कोर्ट देता है क्या सजा?

अगर आप बाइक या गाड़ी ड्राइव करते हैं, तो आपको इससे जुड़े सभी कानून पता होने चाहिए। अगर वाहन चलाते हुए कोई एक्सीडेंट हो जाए तो कोर्ट IPC और मोटर वाहन एक्ट के तहत सजा देता है। आइए इनके बारे में बताते हैं।

road accident

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों हुए कांझीवला केस ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया था। इस मामले में 5 लड़कों पर आरोप लगा कि उन्होंने अंजलि नाम की पीड़िता की स्कूटी को टक्कर मारी और फिर कई किलोमीटर तक उसकी बॉडी को घसीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया। सड़क मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर साल 4 लाख से ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं, इन घटनाओं में रोजाना 415 लोगों की जान जाती है। अगर आप भी बाइक या कोई अन्य वाहन चलाते हैं, तो आपको इससे जुड़े सभी नियम पता होने चाहिए। आज हम आपको सड़क हादसों में होने वाली सजा के प्रावधानों को बता रहे हैं।

IPC के तहत कौन-कौन से लगते हैं केस?

सड़क हादसों के मामलों में कई बार आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता IPC के तहत केस दर्ज होते हैं। आरोप सिद्ध होने पर दोषी को जुर्माना और जेल दोनों की सजा हो सकती है।

1. IPC की धारा 279 (जल्दी या लापरवाही में वाहन चलाना): अगर कोई जल्दी या लापरवाही में गाड़ी चलाता है, तो उस पर IPC की धारा 279 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस तरह के मामलों में आरोपी को 6 महीने की जेल और एक हजार रुपये का जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।


2. IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या): सड़क हादसों में होने वाली हत्याओं पर IPC की धारा 304 के तहत केस दर्ज किया जाता है। आपको बता दें हत्या के सभी अपराध गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आते हैं। इस तरह के मामलों में दोषी पर 10 साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है।

3. IPC की धारा 337 (दूसरे की जान खतरे में डालना):
IPC की धारा 337 के तहत अगर कोई उतावलेपन या गलती से किसी दूसरे की जान को खतरे में डालता है, तो उसे एक अवधि तक के लिए जेल हो सकती है, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा दोषी पर 500 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

मोटर वाहन एक्ट के तहत सजा के प्रावधान

IPC के तहत तो दोषी को सजा होती ही है। इसके अलावा सड़क हादसों में मोटर वाहन अधिनियम के तहत भी सजा का प्रावधान है।

1. धारा 183 (तेज वाहन चलाना): मोटर वाहन अधिनियम की धारा 183 के तहत तय लिमिट से तेज वाहन चलाने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान है। ऐसे आरोपियों पर 400 रुपये से एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

2. धारा 184 (खतरनाक ड्राइविंग): अगर कोई खतरनाक ड्राइविंग करता है, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन एक्ट की धारा 184 के तहत सजा का प्रावधान है। दोषी को दो साल की जेल और 2000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

3. धारा 185 (शराब पीकर ड्राइव करना): शराब पीकर नशे में वाहन चलाने पर मोटर वाहन एक्ट की धारा 185 के तहत 6 महीने की जेल और 2 हजार रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।

लेखक के बारे में

2021 में IIMC से पत्रकारिता की पढ़ाई करके ज़ी न्यूज से पत्रकारिता में एंट्री की। यूपी के एटा में जन्म लिया लेकिन पढ़ाई-लिखाई अलीगढ़ में हुई। करीब डेढ़ साल वहां देश-दुनिया की खबरें लिखने के बाद अब नवभारत टाइम्स में न्यूज टीम में काम कर रहे हैं। राजनीति, टेक्नोलॉजी और फीचर में रुचि रखने के साथ-साथ लिखने पढ़ने के शौकीन हैं। फिल्में और वेबसीरीज देखना खूब भाता है। अपने अंदाज में लिखना और बात करना पसंद है। . और पढ़ें